इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का नहीं रहेगा साया

धर्म
06-Aug-25
9 अगस्त को सुबह 5.35 से दोपहर 1.24 तक शुभ मुहूर्त
छिंदवाड़ा
श्रावण माह की पूर्णिमा इस बार 9 अगस्त को आ रही है और इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाईयांे की कलाई में राखी बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है। प्रेम, विश्वास व रक्षा की डोर से बंधा भाई-बहन का यह त्योहार इस वर्ष काफी उत्तम माना जा रहा है। इस दिन श्रवण नक्षत्र होगा, चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, इसके स्वामी शनि हैं और शनिवार के स्वामी भी शनि है इसलिए शनिवार, श्रवण व शनि का त्रियोग भाई-बहन के प्रेम और विश्वास को बढ़ाने वाला होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग और द्विपुष्कर योग का भी इस वर्ष निर्माण हो रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस वर्ष रक्षा बंधन पर भद्रा का साया नहीं है। इस रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य व शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है।
श्रावण माह की पूर्णिमा इस बार 9 अगस्त को आ रही है और इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाईयांे की कलाई में राखी बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है। प्रेम, विश्वास व रक्षा की डोर से बंधा भाई-बहन का यह त्योहार इस वर्ष काफी उत्तम माना जा रहा है। इस दिन श्रवण नक्षत्र होगा, चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, इसके स्वामी शनि हैं और शनिवार के स्वामी भी शनि है इसलिए शनिवार, श्रवण व शनि का त्रियोग भाई-बहन के प्रेम और विश्वास को बढ़ाने वाला होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग और द्विपुष्कर योग का भी इस वर्ष निर्माण हो रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस वर्ष रक्षा बंधन पर भद्रा का साया नहीं है। इस रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य व शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है।

ये है रक्षा बंधन का उत्तम मुहूर्त
पंचाग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त शनिवार की सुबह 5.35 मिनट से लेकर दोपहर 1.24 बजे तक है। इस दिन अभिजित मुहूर्त दिन के 12.00 से 12.53 बजे तक बन रहा है। इस शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
पूर्णिमा एवं भद्रा का समय
पंचाग के अनुसार पूर्णिमा तिथि का प्रवेश आठ अगस्त की दोपहर 2.12 बजे हो रहा है, जो कि अगले दिन 9 अगस्त को दिन के 1.24 बजे तक रहेगा। इसलिए उदया तिथि में 9 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं भद्रा भी इस बार 8 अगस्त दोपहर 2.12 बजे से रात 1.52 तक रहेगी अर्थात भद्रा एक दिन पूर्व ही समाप्त हो जाएगी।
95 साल बाद आया ऐसा योग
वैदिक पंचाग गणना के अनुसार वर्ष 1930 में शनिवार 09 अगस्त के दिन राखी का त्योहार मनाया गया था। इस दिन पूर्णिमा का संयोग शाम 4.27 बजे तक था। वहीं पूर्णिमा तिथि की शुरूआत दोपहर 2.07 बजे से शुरू हुई थी। इस प्रकार महज 5 मिनट का अंतर पूर्णिमा तिथि में है। सौभाग्य योग का संयोग 10 अगस्त को सुबह 5.21 पर हुआ था। श्रवण नक्षत्र शाम 4.41 मिनट तक था यानि 95 वर्षों बाद राखी का त्योहार समान दिन एवं समय, नक्षत्र और योग में मनाया जाएगा।