पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी संगठनों ने 5 सूत्रीय ज्ञापन दिया

छिंदवाड़ा
01-Aug-25
छिंदवाड़ा
मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों एवं राज्य शिक्षा सेवा में कार्यरत शिक्षकों की वर्षों से लंबित पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ रही है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों को भविष्य में सुरक्षित जीवन का भरोसा नहीं है। हजारों कर्मचारी एवं शिक्षक इसके कारण मानसिक, आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं। सरकार से जल्द निर्णय की मांग की गई है।
मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों एवं राज्य शिक्षा सेवा में कार्यरत शिक्षकों की वर्षों से लंबित पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ रही है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों को भविष्य में सुरक्षित जीवन का भरोसा नहीं है। हजारों कर्मचारी एवं शिक्षक इसके कारण मानसिक, आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं। सरकार से जल्द निर्णय की मांग की गई है।

ज्ञापन में कहा गया कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी व अवकाश नगदीकरण का लाभ प्रथम नियुक्ति दिनांक से मिलना चाहिए। एमपीएस योजना में शामिल मृत शासकीय सेवकों के आश्रितों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान परिवार पेंशन दी जाए। सभी विभागों एवं राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्त शिक्षकों को ओपीएस का लाभ दिया जाए। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव बनाने वाली ई-अटेंडेंस प्रणाली को तत्काल हटाया जाए। राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत नियुक्त समस्त शिक्षकों को भी ओपीएस का सीधा लाभ मिले। ज्ञापन देते समय विनोद डेहरिया, अनुज डेहरिया, राजिक कुरैशी, हीरालाल चौरे, सत्यभान पटेल सहित कमलेश चौरासे, रंजन कुमार साहू, गणेश प्रसाद साहू, दीपचंद नागवंशी, लेखराज भादे, गजानंद कामले, मुकेश पाल, संकेत, शिवकुमार बरखे, गोविंद बरखे सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे। संगठन के पदाधिकारियों ने चेताया है कि यदि मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की जाती।